करता हूँ हर प्रयत्न, मैं बड़े बड़े सपने देखता हूँ मैं दिन में भी पाँच छः घण्टे सोता हूँ ! करता हूँ हर प्रयत्न, मैं बड़े बड़े सपने देखता हूँ मैं दिन में भी पाँच छः घण्ट...
लेकिन... दो हज़ार बीस आया भी तो कैसे, कोरोना के साथ। लेकिन... दो हज़ार बीस आया भी तो कैसे, कोरोना के साथ।
दिल के अंतस से उपजी एक कविता..... दिल के अंतस से उपजी एक कविता.....
या खुद का ही नुकसान कर दे जब ऐसा होता है तब हम खुद जिम्मेदार होते हैं। या खुद का ही नुकसान कर दे जब ऐसा होता है तब हम खुद जिम्मेदार होते हैं।
पूरा करती हूँ खुश होकर जरूरतों को अपनी अपने ही दम पर। पूरा करती हूँ खुश होकर जरूरतों को अपनी अपने ही दम पर।
पढ़ते हैं खुद से हर काम करते हैं, अपने ऊपर ही निर्भर हैं बस, पढ़ते हैं खुद से हर काम करते हैं, अपने ऊपर ही निर्भर हैं बस,